SSC परीक्षा से जुड़ा मुद्दा क्यों ट्रेंड कर रहा है ?

स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) परीक्षा से जुड़े मुद्दे इन दिनों पूरे देश में ट्रेंड कर रहे हैं। छात्र और शिक्षक दोनों बड़े पैमाने पर विरोध—हड़ताल और प्रदर्शन—कर रहे हैं ।

SSC: स्टाफ सिलेक्शन कमीशन — एक परिचय

SSC की स्थापना : 4 नवंबर 1975 मुख्यालय: नई दिल्ली , भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अधीन

कार्य: सरकारी नौकरियों के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और सुगठित भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना

SSC देश भर के विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों में Group B और Group C पदों के लिए कर्मचारियों की भर्ती करता है।

SSC हर साल विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है।

  • SSC CGL (Combined Graduate Level): ग्रेजुएट स्तर की यह परीक्षा सरकारी मंत्रालयों, विभागों और संगठनों में ग्रुप B व C पदों के लिए होती है।
  • SSC CHSL (Combined Higher Secondary Level): 12वीं पास युवाओं के लिए, LDC, DEO, PA/SA आदि पदों हेतु।
  • SSC MTS (Multi-Tasking Staff): ग्रुप D स्तर के सामान्य कार्यों के लिए।
  • SSC GD Constable: CISF, BSF, CRPF, ITBP आदि अर्धसैनिक बलों में भर्ती।
  • SSC JE (Junior Engineer): सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के पदों हेतु।
  • SSC Stenographer (Grade C & D): केंद्र सरकार में स्टेनो की नियुक्ति।
  • SSC Selection Post Exams (Phase-wise): राज्यों के विभिन्न मंत्रालयों और संगठनों में टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल पदों हेतु।

हाल की चुनौतियाँ और विवाद

Source: Patrika News

SSC (Staff Selection Commission) परीक्षा से जुड़े मुद्दे इन दिनों पूरे देश में ट्रेंड कर रहे हैं। छात्र और शिक्षक दोनों बड़े पैमाने पर विरोध—हड़ताल और प्रदर्शन—कर रहे हैं, और सोशल मीडिया पर हैशटैग #SSCMisManagement, #SSCVendorFailure जैसी ट्रेंडिंग है। स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) की सेलेक्शन पोस्ट फेज 13 भर्ती परीक्षा (24 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक) में कथित कुप्रबंधन के कारण देशभर से छात्र और शिक्षक दिल्ली के जंतर मंतर पर “दिल्ली चलो” अभियान के तहत एकत्र हुए हैं, जिसमें वे परीक्षा प्रक्रिया में सुधार और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।

  • अचानक परीक्षा रद्द
    SSC की विभिन्न परीक्षाएं (जैसे Phase 13) अचानक कई सेंटरों पर बिना किसी पूर्व सूचना के रद्द कर दी गईं। लाखों छात्रों ने दूर-दराज के इलाकों से यात्रा कर परीक्षा सेंटरों तक पहुँचे, लेकिन बिना किसी पूर्व सूचना के उनका एग्जाम कैंसिल कर दिया गया।
  • तकनीकी खामियां और खराब इंतजाम
    कई जगह कंप्यूटर सिस्टम बार-बार क्रैश हुए, माउस/की-बोर्ड नहीं चले, सर्वर डाउन रहा, और बहुत से छात्रों को गलत सेंटर अलॉट हो गए। इससे कई शिफ्ट्स की परीक्षाएं या तो शुरू ही नहीं हो पाईं या बीच में ही रोक दी गईं
  • सेंटर पर दुर्व्यवहार
    सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज में ये आरोप भी लगे हैं कि परीक्षा केंद्रों पर जब छात्र समस्याओं की शिकायत कर रहे थे, ताे स्टाफ या सिक्योरिटी ने उनके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट की। कई सेंटरों पर छात्रों और शिक्षकों को पुलिस द्वारा भी हिरासत में लिया गया

हड़ताल और आंदोलन क्यों हो रहा है?

  • छात्रों और शिक्षकों की मांगें
  • परीक्षा रद्दीकरण के लिए जिम्मेदार SSC और संबंधित वेण्डर एजेंसीज की पारदर्शिता और जवाबदेही तय की जाए।
  • सरकार खुद परीक्षा की निगरानी करे और एजेसियों (वेंडर) पर नियंत्रण मजबूत करे।
  • खराब हालत वाले सेंटरों की जाँच हो और ऐसे सेंटरों को ब्लैकलिस्ट किया जाए।
  • जिन शिफ्ट्स या छात्रों का एग्जाम रद्द हुआ—उन्हें दोबारा मौका दिया जाए और उनका खर्च/नुकसान भी कवर किया जाए।

वेंडर (Vendor) वाला विवाद क्या है?

  • SSC ने वेंडर बदल दिया
    पहले Tata Consultancy Services (TCS) SSC परीक्षाओं का वेंडर था, लेकिन 2025 से Eduquity Career Technologies को ये जिम्मेदारी दी गई। नए वेंडर के सिस्टम से ही सबसे ज्यादा गड़बड़ियां हुईं—तकनीकी खामी, लॉजिस्टिक्स की नाकामी, सेंटर पर अव्यवस्था—जिससे छात्रों में गुस्सा भड़क गया
  • केंद्र सरकार का दखल
    सरकार ने इस वेंडर फेलियर के बाद परीक्षा व्यवस्था को खुद अपने नियंत्रण में लेने का ऐलान किया है और इन्क्वायरी भी बैठा दी है। अब SSC की परीक्षा प्रक्रिया में बड़े बदलाव की आशंका है
एडुक्विटी क्या है?

एडुक्विटी करियर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (Eduquity Career Technologies Pvt. Ltd.) एक बेंगलुरु-आधारित कंपनी है, जो जून 2000 में स्थापित हुई। यह मानव संसाधन मूल्यांकन और परीक्षा प्रबंधन समाधान प्रदान करती है, जिसमें ऑनलाइन परीक्षा सॉफ्टवेयर और कंप्यूटर-आधारित मूल्यांकन सेवाएं शामिल हैं।

Source: Dainik Rajiv Times

एडुक्विटी कई विवादों में घिरी रही है, विशेष रूप से परीक्षा प्रबंधन में कथित अनियमितताओं, पेपर लीक और तकनीकी खामियों के कारण। प्रमुख विवाद निम्नलिखित हैं:

  • पेपर लीक और धोखाधड़ी के आरोप:
  • मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (MP-TET) 2022: इस परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। जांच में पता चला कि एडुक्विटी ने कमीशन लेकर साईं एजुकेयर प्राइवेट लिमिटेड को सब-कॉन्ट्रैक्ट दिया, जो अनुबंध की शर्तों के खिलाफ था। इस मामले में व्यापमं (Vyapam) जैसे घोटालों से तुलना की गई।
  • मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा 2023: इस परीक्षा में एक ही केंद्र से मेरिट लिस्ट में टॉप 10 में 7 उम्मीदवारों के आने से संदेह पैदा हुआ। निगरानी की कमी और नकल की शिकायतें भी सामने आईं। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भर्ती प्रक्रिया रोककर जांच के आदेश दिए।
  • तकनीकी खामियां:
  • एसएससी फेज-13 परीक्षा, इंदौर (2025): इस परीक्षा के दौरान एडुक्विटी का सर्वर 10-15 मिनट तक डाउन रहा, जिससे उम्मीदवारों को परेशानी हुई। मालवा कन्या विद्यालय परीक्षा केंद्र पर छात्रों ने विरोध किया, लेकिन उनकी शिकायतों का समाधान नहीं हुआ। इस घटना ने कंपनी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
  • ब्लैकलिस्टिंग और अनुबंध विवाद:
  • 2020 में, केंद्रीय प्रशिक्षण महानिदेशालय (DGT) ने एडुक्विटी को ऑनलाइन परीक्षाओं के लिए अयोग्य घोषित किया था। इसके बावजूद, कंपनी को मध्य प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के लिए अनुबंध मिलते रहे।
  • 2025 में, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई की, जिसमें आरोप लगाया गया कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड ने “ब्लैकलिस्टेड” कंपनियों, जिसमें एडुक्विटी शामिल थी, को ऑनलाइन भर्ती परीक्षाओं का अनुबंध दिया।
  • राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) और महाराष्ट्र के CET सेल ने भी एडुक्विटी को अनुबंध दिए, लेकिन इनमें भी तकनीकी गड़बड़ियों और पेपर लीक के आरोप लगे।
  • कम बोली के कारण संदेह:
  • एसएससी परीक्षा के लिए एडुक्विटी ने प्रति छात्र ₹220 की बोली लगाई, जो टीसीएस की ₹350 की दर से काफी कम थी। इससे लागत में कटौती और गुणवत्ता से समझौता करने के आरोप लगे। कई उम्मीदवारों और विशेषज्ञों ने इसे अनुबंध हासिल करने की “हड़बड़ी” और संभावित अनैतिक प्रथाओं से जोड़ा।
  • पिछले रिकॉर्ड के बावजूद अनुबंध:
  • एडुक्विटी पर बार-बार अनियमितताओं के आरोप लगने के बावजूद, इसे सरकारी और राष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षाओं के लिए अनुबंध मिलते रहे। इससे निविदा प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल उठे।

सोशल मीडिया पर क्या ट्रेंड हो रहा है?

  • हैशटैग्स जैसे #SSCSystemSudharo, #SSCVendorFailure, #SSCMisManagement, #JusticeForAspirants खूब ट्रेंड कर रहे हैं।

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